Ravi Kumar Gupta Delhi



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Ravi Kumar Gupta posted on History of Sardar Vallabhbhai Patel at 10/31/2016 4:11:42 AM
Ravi Kumar Gupta
Delhi
  आईये आज 31 अक्टूबर को सर्वप्रथम अद्भुत देशभक्ति व त्यागभाव की पराकाष्ठा से परिपूर्ण महान लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित करें जिनके अथक परिश्रम व बलिदान के फलस्वरूप 500 से भी अधिक रियासतों को भारत में शामिल करके एक सशक्त भारत की नींव रखी जा सकी। उल्लेखनीय है कि 1946 के उस कांग्रेस अध्यक्ष के चयन के समय जिसे आगे चलकर भारतवर्ष का प्रथम प्रधानमंत्री बनना था, 15 में 12 राज्यों से सरदार वल्लभभाई पटेल के लिए समर्थन था, अन्य 3 से किसी के लिए भी नहीं। अर्थात सरदार पटेल जी के लिए सर्वसम्मति थी जबकि नेहरू को सिवाय गाँधी के किसी की भी नहीं! किन्तु जवाहरलाल नेहरू की स्वार्थपूर्ण बचकाना जिद्द के चलते गांधी की आज्ञा का मान रखते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल ने जब प्रधानमंत्री पद भीख-स्वरूप असक्षम नेहरू को दान करी तब उन्होंने स्वप्न में भी नहीं सोचा होगा कि प्रधानमंत्री पद को नेहरू खानदानी सम्पत्ति बनाने में जुट जायेंगे। राष्ट्रीय एकता के प्रतीक महान नेता व श्रेष्ठ कुशल प्रशासक भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को कोटि-कोटि नमन्।

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