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Home » Hinduism » Misconceptions of Hindu Rituals » Why Hindu GODs found or Born in India Only

Why Hindu GODs found or Born in India Only

2015-7-6 | Posted by Hetal Patel |

Why Hindu GODs found or Born in India Only

By Hetal Patel

Why Hindu GODs found or Born in India Only

1:- सभी देवी देवताओ ने भारत मे हि जन्म क्यो लिया? क्यो किसी भी देवी देवता को भारत के बाहर कोइ नही जानता ?

उत्तर- जम्बूद्विप के अतिरिक्त सभी स्थान निर्जन थे, मेसोपोटामिया(इराक),मिश्र बाद में लोग जाकर बसे, यही से। अमेरीका, अरब इत्यादि स्थानो पर बंदर और जाहिल तब आदमी बनने की तैयारी कर रहे थे। जम्बूद्विप पुरे विश्व की सभ्यता सबसे पुरानी है।
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2:- जितने भी देवी देवता देवताओ की सवारीया है उनमे सिर्फ वही जानवर क्यो है जो कि भारत मे ही पाये जाते है? एसे जानवर क्यो नही जो कि सिर्फ कुछ हि देशो मे पाये जाते है, जैसे कि कंगारु, जिराफ आदी !!
उत्तर-पशुओ की उपयोगीता बताने के लिए जिराफ़, कंगारु तो डार्विन के सिद्धांत से बने।
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3:- सभी देवी देवता हमेशा राज घरानो मे ही जन्म क्यो लेते थे ? क्यो किसी भी देवी देवता ने किसी गरीब या शुद्र के यहा जन्म नही लिया?
उत्तर- प्रश्न गलत है, आज भी सभी के इष्ट देव-देवी है। भगवान शिव का कोई कुल गोत्र नहीं है, जबकि उनका रुद्रावतार अंजनि के घर हनुमान जी के रुप में हुआ। वेद अनुसार वर्ण व्यवस्थता कर्मानुसार थी न की जन्मनुसार जैसा आपकी अल्पबुद्धि समझती है। शास्त्रो और शस्त्रो की विद्या लेने वाला मनुष्य ब्राह्मण या क्षत्रिय ही कहलायेगा, ईश्वर जब अवतरित होते हैं तो उन्हें भी अपने बनाये यम-नियम और भौतिक सिद्धांतो का पालन करना होता है, और यही कारण है की श्रीराम और श्री कृष्ण को भी माँ के गर्भ से ही जन्म लेना पड़ा था, अन्यथा परब्रह्म के लिए क्या यह असंभव है की वह किसी कार्य को करने के लिए जन्मबाध्य हो। यह बात शायाद तुम्हारे सर के ऊपर से निकल जाये।

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4:- पोराणीक कथाओ मे सभी देवी देवताओ की दिनचर्या का वर्णन है जैसे कि कब पार्वती ने चंदन से स्नान किया, कब गणेश के लिये लड्डु बनाये, गणेश ने कैसे लड्डु खाये.. आदी लेकीन जैसे हि ग्रंथो कि स्क्रीप्ट खत्म हो गयी भगवानो कि दिनचर्या भी खत्म.. तो क्या बाद में सभी देवीदेवताऔ का देहांत हो गया ?? अब वो कहाँ है? उनकी औलादे कहाँ है?

उत्तर-ब्रम्हा जी के 100 वर्ष के जीवन काल से सुस्पष्ट है, हमारी आयु अल्प है। यहाँ ब्रह्मा के 100 वर्ष मनुष्य के celestial 100 वर्षो से अलग हैं। अगर तुमने कभी साइंस पढ़ी होगी तो तुमने Quantum Physics में time dilation theory पढ़ी होगी, जिसे खुद आयन्सटॉयन ने भी माना है। पुराणों में और शास्त्रो में ऐसे अनेको ऐसे उदहारण भरे पड़े हैं जिनसे स्पष्ठ होता है की मनुष्य का एक वर्ष देवताओ के कुछ पलो के बराबर है और देवताओ के कई वर्ष ब्रह्मा के कुछ पलो के बराबर। श्रीकृष्ण के सखाओ का इंद्रदेवता द्वारा अपहरण कर देव-लोक लेजाना और उस दौरान पृथ्वी पे कई वर्ष बीत जाना इसका एक उदहारण है। ज्यादा जानकारी के लिए कृपया खुद थोड़ी महनत करे और रेफरेंस मटेरियल पढ़े।
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5:- ग्रंथो के अनुसार पुराने समय मे सभी देवी देवताओ का पृथ्वी पर आना-जाना लगा रहता था।
जैसे कि किसी को वरदान देने या किसी पापी का सर्वनाश करने.. लेकीन अब एसा क्या हुआ जो देवी देवताओ ने पृथ्वी पर आना बंद
हि कर दिया??
उत्तर- ब्रह्मा और देवतत्व के समक्ष हमारी अल्पायु के कारण, जैसा की मैंने अभी ऊपर समझाया।......................................................................

6:- जब भी कोइ पापी पाप फैलाता था तो उसका नाश करने के लिये खुद भागवान किसी राजा के यहा जन्म लेते थे फिर 30-35 की उम्र तक जवान होने के बाद वो पापी का नाश करते थे, ऐसा क्यों? पापी का नाश जब भगवान खुद हि कर रहे है तो 30-35 साल का इतना ज्यादा वक्त क्यो??? भगवान सिधे कुछ क्यो नही करते?? जीस प्रकार उन्होने अपने खुद के ही भक्तो का उत्तराखण्ड मे नाश किया ?
उत्तर- मर्यादापुरुषोत्म विधान के कारण पाप का घड़ा भरने का इंतजार। सभी जीव प्राणी मनुष्य उस परमपिता की ही संतान हैं, उसी परब्रह्म का अंग हैं। ईश्वर पापो के प्राश्चित का अवसर सबको देते हैं, न की किसी मजहबी खुदा की तरह काफिरो और नॉन बिलिवर इंफीडल को मारने और उनकी बहु बेटियो का बलात्कार कर कष्ट पहुंचाने का फरमान।
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(7) अगर हिन्दू धर्म कई हज़ार साल पुराना है, तो फिर भारत के बाहर इसका प्रचार-प्रसार क्यों नहीं हुआ और एक भारत से बाहर के धर्म “इस्लाम-ईसाई” को इतनी मान्यता कैसे हासिल हुई? वो आपके अपने पुरातन हिन्दू धर्म से ज़्यादा अनुयायी कैसे बना सका? हिन्दू देवी-देवता उन्हें नहीं रोक रहें??
उत्तर-हिन्दू धर्म सम्पूर्ण मानव के लिए है। हिन्दू धर्म के अतिरिक्त सभी ज्ञात पंथ मानव ने ही बनाया। हिन्दू धर्म ही सर्वव्याप्त है, आज ज्यादातर हिन्दू पूजास्थलों पे मलेछो ने कब्ज़ा कर अपने अपने धर्मस्थल बना रखे हैं। इसका सबसे बड़ा सबूत मदीन (शाब्दिक अर्थ: मरुस्थल; आज का मदीना) है जहाँ राजा भोज के पश्चात मलेछो का राज हो गया और आज भी वहाँ मुसलमान हिन्दू रीति रिवाजो तहत ब्राह्मणों की तरह बाल मुण्डवा के श्वेत वस्त्र धारण कर सात चक्कर लगाते हैं जो की हिन्दू रिवाज है। अगर हिन्दू धर्म सर्वव्याप्त नहीं होता तो दुनिया के आधे देशो के नाम में "स्थान" न आता; उदहारण के लिए पाकिस्थान, अफ़ग़ानिस्थान (असली नाम: उपगणस्थान~ a place inhabited by allied tribes, उपगण इसलिए क्योंकि यहाँ अनेको जातियाँ थी जिसकी वजह से इस क्षेत्र का नाम उपगणस्थान पड़ा; गण यानी जातियाँ), तुर्कमेंइस्थान इत्यादियो के नाम संस्कृत में न होते। जापान से लेकर मक्का मदीना तक, रूस से लेकर मलेशिया तक गणेश मूर्तियाँ और भगवान् शिव के शिवलिंग मिलना और आज भी होना हिन्दू धर्म के सर्वव्यापी होने का सबसे बड़ा सबूत है। कंबोडिया में सूर्यबरमण द्वारा निर्मित अंगकोरवट मंदिर भी इसी कड़ी का पात्र है। हिन्दुकुश की पहाड़ियां जो आज भी हिन्दुओ की निर्मम हत्या में बहाये खून की दास्तान सुनाती है इसका एक बहुत बड़ा सबूत है।
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(8) अगर हिन्दू धर्म के अनुसार एक जीवित पत्नी के रहते, दूसरा विवाह अनुचित है, तो फिर राम के पिता दशरथ ने चार विवाह किस नीति अनुसार किये थे?
उत्तर- राजा दशरथ ने अन्य रानियों की सहमति से राजगद्दी के उत्तरदायी हेतु पुत्र मोह में अन्य विवाह किये थे। प्रजापत्य विवाह अनुसार राजा दशरथ ने आने वाले समय अनुसार अपना राजधर्म निभाते हुए
अपनी प्रजा को एक राजा देने के लिए सभी विवाह धर्मानुसार किये थे। मुहम्मद और आज के मुसलमान एवं इसाइयो की तरह पैशाचिक और राक्षसी विवाह नहीं किये थे जिनका मकसद केवल बच्चे पैदा कर अपनी जनसँख्या बढ़ाना था।

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(9) अगर शिव के पुत्र गनेश की गर्दन शिव ने काट दी, तो फिर यह कैसा भगवान है?? जो उस कटी गर्दन को उसी जगह पर क्यों नहीं जोड़ सका??क्यों एक पिरपराध जानवर (हाथी) की हत्या करके उसकी गर्दन गणेश की धढ पर लगाई? एक इंसान के बच्चे के धढ़ पर हाथी की गर्दन कैसे फिट आ गयी?
उत्तर- गणेश जन्म की कहानी और गज को मिले वरदान की कहानी दुबारा पढ़ें, सब सुस्पष्ट हो जायेगा।
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(10) अगर हिन्दू धर्म में मांसाहार वर्जित है, तो फिर राम स्वर्णमृग (हिरन) को मारने क्यों गए थे? क्या मृग हत्या जीव हत्या नहीं है?
उत्तर- आखेट खेलना क्षत्रियों का मनोरंजन होता है। मांस भक्षण चाण्डालों का जो आज के मुसलमान और इसाई हैं।
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(11) राम अगर भगवान है, तो फिर उसको यह क्यों नहीं पता था कि रावण की नाभि में अमृत है?
अगर उसको घर का भेदी ना बताता कि रावण की नाभि में अमृत है, तो उस युद्ध में रावण कभी नहीं मारा जाता। क्या भगवन ऐसा होता है?
उत्तर-मर्यादापुरुषोत्म होने के कारण, ईश्वर स्वम अपने बनाये नियम भी नहीं तोड़ते और यह बात रावण को भी पता थी, नियमों का पालन यदि अनिवार्य नहीं होता तो ईश्वर को श्री कौशलया देवी जी के गर्भ से जन्म लेकर अवतरित होने की भी जरुरत नहीं पड़ती।
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(12) तुम कहते हो कि कृष्ण तुम्हारे भगवन हैं, तो क्या नहाती हुई निर्वस्त्र गोपीयों को छुपकर देखने वाला व्यक्ति, भगवान हो सकता है? अगर ऐसा काम कोई व्यक्ति आज के दौर में करे, तो हम उसे छिछोरा-नालायक कहते हैं। तो आप कृष्ण को भगवान क्यों कहते हो?
उत्तर-''प्रेम-योग'' को विस्तार से पढ़े। उद्धव द्वारा वर्णित-जो कंस के बुलावे पर श्री कृष्ण को लेने गये थे।
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(13) हिन्दूओ में बलात्कारीयों का प्रमाण अधिक क्यों होते हैं?
उत्तर- बलात्कार जैसे घिनोने कुकर्म इस्लाम, यहूद और ईसाइयत की देन है। कृपया google पर सर्च करके पढ़े, इतिहास भरा पड़ा है सैंकड़ो उदाहरणों से। इसका सबसे अच्छा स्रोत्र Megasthenes द्वारा लिखी इंडिका या रानी पद्मावती की कहानी है, कृपया इन्हें पढ़ने का कष्ठ उठायें। भारत में अब्राहम के अनुयायियों (यहूदी, इसाई, मुसलमान) की जनसंख्या अब पहले से कही अधिक बढ़ चुकी है, इसिलिए आये दिन ऐसी घटनाएं होती है, न यकीन आये तो मुजफ्फरनगर के दंगो की जड़ का पता लगाएं और आज तक लंबित बलात्कारियो के नाम पता कर लीजिये सच्चाई स्वम सामने आ जायेगी।
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(14) शिव के लिंग (पेनिस) की पूजा क्यों करते हैं? क्या उनके शरीर में कोई और चीज़ पूजा के क़ाबिल नहीं?
उत्तर- लिंग शब्द अर्थ penis नही अपितु प्रतीक (symbol) होता है संस्कृत अनुसार। परन्तु आप को आपके माता पिता ने न तो इतनी शिक्षा दी की आप इसका अर्थ समझ सकें और न ही आपके आतंकवादी मदरस्सो में यह सब पढ़ाया जाता होगा।
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(15) खुजराहो के मंदिरों में काम-क्रीड़ा और उत्तेजक चित्र हैं, फिर ऐसे स्थान को मंदिर क्यों कहा जाता है? क्या काम-क्रीडा, हिन्दू धर्मानुसार पूजनीय है?
उत्तर- मन्दिर और देवालय में अन्तर समझे, जिसे आप जैसे मन्दबुद्धि केवल वासना का साधन समझते हैं वही इस जगत का सत्य है जिससे जीवनक्रिया निरन्तर काल दर काल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। आपके दिमाग में कामवासना को लेकर गंदगी भरी पड़ी है, इसीलिए आप रति क्रिया को गन्दी नजरो से देखते हैं। पर आप जैसे यह भूल जाते हैं की आपके माँ-बाप ने रति क्रिया नहीं की होती तो न आप इस दुनिया में आ पाते न आपके अब्बूजान।

अगर आपको अभी भी असंतुष्टि है तो कृपया रेफरेंस मटेरियल पढ़ो क्योंकि आपकी अल्पबुद्धि वेदों और गीता जैसे शाश्त्रो को तो समझ नहीं पायेगी, इतनी हैसीयत ही नहीं; या आपने ये सिर्फ बुराई करने के लिए सवाल पूछे हैं तो लगे रहो, क्योंकि आप जैसे और भी बहुत से जाहिल हैं जिनका दिन रात का काम दुसरो पे कीचड उछालना है बिना अपने बारे में जाने। हमारा धर्म इतना कमजोर नहीं की वह लाखो लोगो की हत्या सिर्फ इसलिए कर दे की वह हमारे भगवान् या हमारे धर्म को ना मानता हो जैसा इसाइयो ने 19वी शताब्दी तक किया और मुल्ले पिछले 1400 सालो से कर रहे हैं।

 

 

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